काठमांडू, 15 मार्च (हि.स.)। नेपाल में मधेश को केंद्र में रखकर राजनीति करने वाले नेताओं के बीच मतभेद बढ़ गया है। उप राष्ट्रपति चुनाव के दौरान भारत के सीमा से जुड़ा मधेश प्रांत केंद्रित नेताओं के बीच मतभेद बढ़ गया हैं।

उपराष्ट्रपति पद के लिए चार उम्मीदवारों में से तीन उम्मीदवार सत्तारूढ़ गठबंधन से हैं। इनमें से उपेंद्र यादव के नेतृत्व वाली जनता समाजवादी पार्टी की प्रमिला कुमारी खुद मैदान से बाहर हो गई हैं। हालांकि तकनीकी रूप से उनकी उम्मीदवारी बरकरार है। उनकी ही पार्टी के नेता रामसहाय प्रसाद यादव भी उपराष्ट्रपति की रेस में हैं।

ममता झा सीके राउत के नेतृत्व वाली जनमत पार्टी से उम्मीदवार हैं। राउत की पार्टी भी सत्तारूढ़ गठबंधन में आबद्ध है।

गठबंधन से जनमत पार्टी के अलावा महंत ठाकुर के नेतृत्व वाली लोकतान्त्रिक समाजवादी पार्टी और रेशम चौधरी के संरक्षण में नागरिक उन्मुक्ति पार्टी ने एक नया मोर्चा बनाया है। उप राष्ट्रपति चुनाव में उन्होंने खुलकर ममता झा का समर्थन करने का ऐलान किया।

उपेंद्र यादव के नेतृत्व वाली जनता समाजवादी पार्टी मधेश की राजनीति में अलग-थलग पड़ गई है। इससे उपराष्ट्रपति चुनाव दिलचस्प मोड़ पर आ गया है।

लोकतान्त्रिक समाजवादी पार्टी के नेता राजीव झा ने कहा कि हमने किसी को अलग-थलग नहीं किया है। उन्होंने कहा कि उपेंद्र यादव ने जाति की राजनीति की है और देखा जा रहा है कि यह ज्यादा दिन नहीं चलेगा। उपेंद्र यादव पर सिर्फ यादव समाज को प्राथमिकता देने का आरोप लगता रहा है। झा ने टिप्पणी की कि उपेंद्र यादव केवल जाति के मोर्चे के नेता हैं।

नेपाल में उप राष्ट्रपति चुनाव 17 मार्च को होने जा रहा है। उल्लेखनीय है कि सत्ता गठबंधन ने अभी तक अपने पत्ते नहीं खोले हैं । अष्टलक्ष्मी शाक्य विपक्षी सीपीएन (यूएमएल) से उम्मीदवार हैं। उनकी पार्टी के अलावा किसी ने समर्थन की घोषणा नहीं की है। उप राष्ट्रपति चुनाव में त्रिपक्षीय मुकाबले के आसार भी बन रहे है ।

हिन्दुस्थान समाचार/दीपेश/दधिबल

Updated On 22 March 2023 12:14 PM GMT
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