वाराणसी। 22 मार्च से चैत्र नवरात्रि के पावन पर्व की शुरुआत हो रही है, जिसका समापन 30 मार्च को होगा। नए संवत्सर के साथ शुरू होने वाले वासंतिक नवरात्र में माता के नौ गौरी स्वरूप का पूजन-अर्चन किया जाएगा। काशी में देवी गौरी के नौ रूपों का मंदिर अलग-अलग स्थानों पर स्थित है। चैत्र नवरात्रि के अवसर पर हम आपको अलग-अलग गौरी के महात्म और काशी में ये मंदिर कहां-कहां स्थित हैं इसकी जानकारी देंगे।

जानें नौ गोरी के मंदिर के बारे में

प्रथम मुख निर्मालिका गौरी

वासंतिक नवरात्र के पहले दिन मुख निर्मालिका गौरी का पूजन होता है। इनका विग्रह गायघाट स्थित हनुमान मंदिर में स्थित है। वहीं शक्ति के उपासक पहले दिन शैलपुत्री देवी का पूजन-अर्चन भी करते हैं। शैलपुत्री का मंदिर अलईपुर इलाके में है। देवी के स्वरूप में शांति और उत्साह देने वाली तथा भय का नाश करने वाली देवी शैलपुत्री यश, कीर्ति, धन और विद्या देने वाली हैं। यह देवी मोक्ष देने वाली भी हैं।

द्वितीय ज्येष्ठा गौरी

वासंतिक नवरात्र के दूसरे दिन ज्येष्ठा गौरी के दर्शन पूजन का विधान है। इनका मंदिर कर्णघंटा के सप्तसागर क्षेत्र में है। नव दुर्गा के पूजा के क्रम में दूसरे दिन ब्रह्मचारिणी देवी का भी दर्शन-पूजन करते हैं। इनका विग्रह ब्रह्माघाट इलाके में है।

तृतीय सौभाग्य गौरी

तीसरे दिन सौभाग्य गौरी का दर्शन-पूजन होता है। देवी का विग्रह ज्ञानवापी क्षेत्र स्थित सत्यनारायण मंदिर के अंदर है। चंद्रघंटा देवी के दर्शन-पूजन की मान्यता है। इनका मंदिर चौक क्षेत्र में है।

चतुर्थ शृंगार गौरी

चौथे दिन शृंगार गौरी के पूजन की मान्यता है। इन भगवती का विग्रह ज्ञानवापी परिसर में है। शक्ति के उपासक इस दिन कुष्मांडा देवी की आराधना करेंगे। मां दुर्गा का मंदिर दुर्गाकुंड क्षेत्र में स्थित है।

पंचम विशालाक्षी गौरी

पांचवें दिन विशालाक्षी गौरी का दर्शन-पूजन होता है। देवी के इस स्वरूप का विग्रह मीरघाट क्षेत्र में धर्मकूप इलाके में है। शक्ति के उपासक इस दिन स्कंद माता के स्वरूप में विराजित मां बागेश्वरी देवी का पूजन अर्चन करेंगे। देवी का मंदिर जैतपुरा इलाके में स्थित है।

षष्ठं ललिता गौरी

छठें दिन ललिता गौरी के दर्शन-पूजन का महत्व है। भगवती के इस रूप का विग्रह ललिता घाट क्षेत्र में है। शक्ति उपासक इस दिन कात्यायनी देवी का दर्शन-पूजन करेंगे। देवी का मंदिर संकठा गली में आत्म विशेश्वर मंदिर में है।

सप्तम् भवानी गौरी

सातवें दिन भवानी गौरी के दर्शन-पूजन की मान्यता है। देवी के इस रूप का विग्रह विश्वनाथ गली में श्री राम मंदिर में है। शक्ति के उपासक इस दिन कालरात्रि देवी का पूजन अर्चन करेंगे। कालरात्रि देवी का मंदिर कालिका गली में स्थित है।

अष्टम मंगला गौरी

आठवें दिन माता के गौरी स्वरूप के मंगला गौरी के पूजन-अर्चन का विधान है। इनका मंदिर पंचगंगा घाट इलाके में है। शक्ति के उपासक इस दिन महागौरी की अभ्यर्थना करेंगे। यह मंदिर श्री काशी विश्वनाथ मंदिर के समीप माता अन्नपूर्णा के मंदिर के रूप में विख्यात है।

नवम महालक्ष्मी गौरी

नौवें दिन भगवती के गौरी स्वरूप में महालक्ष्मी गौरी के पूजन का महात्मय है। इनका मंदिर लक्सा क्षेत्र में लक्ष्मीकुंड पर स्थित है। शक्ति के उपासक इस दिन शक्ति की अधिष्ठात्री देवी सिद्धदात्री देवी का दर्शन-पूजन करते हैं। इनका मंदिर कालभैरव मंदिर से पहले गोलघर इलाके में स्थित है।

Updated On 21 March 2023 10:37 AM GMT
Ankita Yaduvanshi

Ankita Yaduvanshi

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