वाराणसी। वाराणसी में शुक्रवार को वेतन न मिलने से नाराज परिचालकों ने धरना प्रदर्शन करते हुए हड़ताल का ऐलान कर दिया। हड़ताल की सूचना मिलते ही अधिकारियों के हाथ पांव फूल गये।

परिचालकों ने शुक्रवार की तड़के पांच बजे चार्जिंग बस स्टैंड के गेट के पास सैकडों की संख्या में गेट बंद कर हड़ताल पर बैठ गए। परिचालकों के हड़ताल की सूचना पर पहुंचे सुपरवाइजर सौरभ सिंह ने काफी समझाने का प्रयास किया, लेकिन परिचालकों ने उनकी एक न मानी। उनका कहना था कि जब तक हम सब के पैसे नही मिल जाते, काम पर नही लौटेंगे। सुपरवाइजर ने हड़ताल की सूचना परिवहन क्षेत्रीय प्रबंधक को दी।

बता दें कि वाराणसी में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए वंशिका एच.आर प्राइवेट कंपनी द्वारा करीब 128 परिचालकों को हायर किया गया है। अलग-अलग शिफ्ट में ये काम करते है। परिचालकों ने आरोप लगाया कि हम सभी लोगो को पांच माह से वेतन नही मिल रहा है। जबकि हम लोगों द्वारा प्रतिदिन काम किया जा रहा है जब भी पैसे की बात करते है तो एक या दो महीने का वेतन हम लोगों के खाते में डाल दिया जाता है।

परिचालकों ने आरोप लगाया कि हर महीने वेतन न मिलने के कारण परिवार चलाना काफी मुश्किल हो गया है। किसी के बच्चे की स्कूल की फीस भरनी है, तो किसी की मां या पत्नी बीमारी से झेल रही हैं। वेतन न मिलने के कारण इलाज सही से नही हो पा रहा है। वहीं इलेक्ट्रिक बस डिपो प्रबंधन इस मामले में मूकदर्शक बना रहा।

दूसरी ओर बस का संचालन न होने से लोगों को आवागमन में भारी परेशानियों का सामना करना पड़ा। करीब तीन घण्टे बाद पहुंचे परिवहन क्षेत्रीय प्रबंधक गौरव वर्मा के समझाने-बुझाने व रक्षाबंधन से पहले वेतन दिलवाने के साथ मेडिकल कार्ड व पीएफ का पैसा जल्द से जल्द दिलवाने के आश्वसन पर लगभग चार घण्टे बाद हड़ताल समाप्त हुआ। हड़ताल करने वाले परिचालकों में बलविंदर यादव, सुनील पाल, इरफान अहमद, रत्नेश सिंह, विपुल सिंह, मोहित, संजय भास्कर, आर्यन, शमीम, विक्रम, सोनू, राजेश सहित दर्जनों लोग शामिल रहे।

बनारसी नारद

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