वाराणसी। कमच्छा स्थित मंदिर में रविवार को बाबा बटुक भैरव के श्रृंगार की त्रिगुणात्मक भव्य झांकी सजायी गयी। सवेरे पंचामृत स्नान व मंगला आरती के बाद बाबा का श्वेत पुष्प…

वाराणसी। कमच्छा स्थित मंदिर में रविवार को बाबा बटुक भैरव के श्रृंगार की त्रिगुणात्मक भव्य झांकी सजायी गयी। सवेरे पंचामृत स्नान व मंगला आरती के बाद बाबा का श्वेत पुष्प से सात्विक श्रृंगार किया गया, साथ ही पंचमेवा, फल व मिष्ठान्न का भोग लगाया गया। सायंकाल गुलाब के फूल, स्वर्ण व रजत आभूषण से श्रृंगार कर राजसी रूप सजाया गया। इसके बाद 56 व्यंजनों का भोग अर्पित किया गया।

साथ ही तामसी स्वरूप बाबा को पंच मकार का भोग लगाया गया। रात 8.30 बजे बाबा की आरती की जाएगी और देर रात शयन आरती होगी। इसके बाद 1100 काला गंडा व 1100 रूद्राक्ष की मालाओं से तामसी श्रृंगार कर बाबा की झांकी सजा कर पंचमकार भोग लगाया जाएगा।

कार्यक्रम का आयोजन महंत जितेंद्र मोहन पुरी ऊर्फ विजय गुरू के आचार्यत्व में संपन्न होगा। संयोजन महंत राकेश पुरी, भाष्कर पुरी ने किया। सोमवार की सुबह 10.30 बजे बटुक पूजन व भंडारा में भक्तों को प्रसाद वितरण किया जाएगा।

बता दें कि श्री भैरव नाथ साक्षात् रुद्र हैं। देवो के देव महादेव का काशी में बाल रूप यानि बटुक भैरव भैरव के रूप में दिव्य मंदिर है। महाविद्याओं की साधना में सिद्धि प्राप्त करने के लिए भैरव की भी अर्चना का विधान है।बाबा बटुक भैरव की आराधना मात्र से सभी शारीरिक और मानसिक कष्ट दूर होते हैं।

Updated On 25 Dec 2022 8:47 AM GMT
Anurag

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