कानपुर,06 फरवरी (हि.स.)। बच्चों और किशोर-किशोरियों में कृमि के कारण मानसिक और शारीरिक विकास बाधित होता है। बच्चा कुपोषण और एनीमिया का शिकार हो जाता है। यह बातें मुख्य विकास अधिकारी सुधीर कुमार ने राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान को सफलतापूर्वक संचालन के लिए सोमवार को विकास भवन सभागार में आयोजित जिला अंतरविभागीय समन्वय बैठक में कहीं ।

उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग सहित शिक्षा, आईसीडीएस विभाग आदि 10 फरवरी से 15 फरवरी तक चलने वाले राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस अभियान के तहत 01 से 19 वर्ष तक के बालक-बालिकाओं एवं किशोरों को कृमि संक्रमण से बचाव की दवा खिलाई जाए।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आलोक रंजन ने कहा की इस अभियान को शत-प्रतिशत सफल बनाने के लिए स्वास्थ्य विभाग सहित आईसीडीएस, शिक्षा, पंचायती राज विभाग को आपस में समन्वय बनाकर काम करना होगा। उन्होंने जिला विद्यालय निरीक्षक व जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि शासकीय, निजी व सहायता प्राप्त विद्यालयों के प्रधानाध्यापक एवं नोडल शिक्षक के साथ बैठक कर इस कार्यक्रम के बारे में जानकारी देते हुए निर्धारित तिथियों पर सभी बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित की जाए । समस्त विभागों को निर्देशित किया कि माइक्रोप्लान का पुनः परीक्षण कर शत-प्रतिशत बच्चों को सूचीबद्ध कर लिया जाए।

नोडल अधिकारी व एसीएमओ डॉ सुबोध प्रकाश ने बताया कि एक से 19 वर्ष तक आयु के लक्षित करीब 17 लाख 94 हज़ार 400 बच्चों को कृमि संक्रमण से बचाने के लिए “राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस (नेशनल डिवार्मिंग डे) अभियान शहरी एवं ग्रामीण क्षेत्रों में चलाया जायेगा। उन्होंने बताया कि जनपद में 10 फरवरी को चिन्हित स्कूल-कॉलेज और आंगनबाड़ी केंद्रों पर राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान के तहत एल्बेंडाजोल की गोली खिलाई जाएगी। इसके बाद 13 से 15 जुलाई तक मॉप अप राउंड स्कूलों और आंगनबाड़ी केन्द्रों में आयोजित होंगे । अभियान के दौरान कोविड-19 प्रोटोकॉल का विशेष ध्यान रखा जाएगा ।

निर्धारित डोज में दी जाएगी दवा

राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के डीईआईसी मैनेजर अजीत सिंह ने बताया कि बच्चों को निर्धारित डोज के अनुसार दवा दी जाएगी। इसमें एक से दो वर्ष के बच्चों को एल्बेंडाजोल 200 एमजी यानी आधी गोली का चूरा बनाकर खिलाई जाती है। वही दो से 19 वर्ष के बच्चों को एल्बेंडाजोल की 400 एमजी की एक टैबलेट चबाकर खिलाना है। इसके बाद ही पानी का सेवन करना है।

लाभ- दवा कृमि से मुक्ति की क्षमता रखती है। स्वास्थ्य और पोषण में सुधार होता है। रोग प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि होती है और एनीमिया नियंत्रण में रहता है। इसके साथ ही सीखने की क्षमता और कक्षा में उपस्थिति में सुधार होता है।

हिन्दुस्थान समाचार/ महमूद

Updated On 23 Sep 2023 3:29 PM GMT
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