देहरादून, 28 सितम्बर (हि.स.)। अब राजधानी के भवनों में भी नियमों का अनुपालन कराया जाएगा। चमोली के जोशीमठ में हुए भू -धंसाव जैसे हालात दूसरे पर्वतीय क्षेत्रों में पैदा न हों, इससे सबक लेते हुए जहां एक ओर शहरी विकास मंत्रालय ने पर्वतीय क्षेत्र के जोखिम वाले भावनाओं की मॉनिटरिंग के लिए जिलाधिकारी की अध्यक्षता में कमेटी बनाई जाने के निर्णय लिया है वहीं शहरी विकास मंत्रालय के इस निर्णय के बाद राजधानी देहरादून का जिला प्रशासन भी पूरी तरह से सतर्क हो गया है।

गुरुवार को जिलाधिकारी, देहरादून सोनिका ने इस संदर्भ में अपने कार्यालय में एक बैठक ली। उन्होंने बताया कि राजधानी में बनने वाले भवनों की व्यवस्थाओं को और बेहतर कराने के लिए पूर्ण प्रयास किया जा रहा है। सभी नियमों का अनुपालन कराया जा सके और खतरे के लिहाज से जो भवन ज्यादा संवेदनशील हैं, ऐसे सभी भवनों की व्यवस्था सुचारु रहे।

जिलाधिकारी ने बताया कि हालांकि ऐसी व्यवस्था नगर निगम प्रशासन करता है और अन्य भवनों के अनुरक्षण एमडीडीए के स्तर पर किए जाते हैं। जिलाधिकारी ने बताया कि संवेदनशीलता को देखते हुए जिला प्रशासन भी समय-समय पर नियमों की अनुरक्षण करता रहता है।

जिलाधिकारी सोनिका ने बताया कि कुछ ऐसे जोखिम वाले भवन हैं जो नगर निगम प्रशासन की देखरेख में हैं जबकि कुछ ऐसे भवन हैं जो एमडीडीए के अधिकार क्षेत्र के हैं । जिलाधिकारी ने बताया कि ऐसे सभी भवनों की मॉनिटरिंग की जा रही है। जिस समय नक्शा पास किया जाता है, उसे समय सभी पहलुओं का ध्यान रखा जाता है ताकि भविष्य में किसी तरीके का कोई नुकसान ना हो।

हिन्दुस्थान समाचार/ साकेती/रामानुज

Updated On 29 Sep 2023 12:13 AM GMT
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