विश्व दुग्ध दिवस :

- सरकार के बढ़ते कदम से किसान समृद्धि की ओर, होंगे मालामाल

- जनपद में सक्रिय हैं 88 दुग्ध समितियां, 10 निष्क्रिय

- दुग्ध समितियों के प्लांट में प्रतिदिन 3568 लीटर पहुंच रहा दूध

मीरजापुर, 02 जून (हि.स.)। गांव-गांव में दुग्ध संग्रहण केन्द्र खुलने से पशुपालन करने वाले किसानों की रुचि गाय पालन की ओर बढ़ रही है। पहले किसान दूध का उचित मूल्य नहीं ले पाते थे। वे किसी निजी व्यक्ति के अलावा होटलों, रेस्टोरेंट में कम कीमत पर बेचते थे परंतु अब दुग्ध संग्रहण की सुविधा मिलने पर 47 रुपये प्रति लीटर तक का कमाई कर रहे हैं। यही कारण है कि किसान गाय पालन कर आत्मनिर्भर की ओर बढ़ रहे हैं।

सरकार के बढ़ते कदम के साथ जिला प्रशासन अनुदान राशि पर गाय पालन के लिए गाय उपलब्ध करा रहा है, ताकि गांव से लोगों का पलायन रुके और गांव के किसान आत्मनिर्भर बन सकें। अब पशुपालक अपने दुधारू पशुओं से खूब धनार्जन कर रहे हैं। यही कारण है कि हर साल समितियों के प्लांट पर दूध संग्रह बढ़ रहा है। एक-एक किसान आठ हजार से 15 हजार रुपये प्रतिमाह की आमदनी कर रहे हैं।

पड़री के पुतरिहा गांव के पशुपालक रमाशंकर बिंद बताते हैं कि वर्तमान में एक गाय और एक भैंस हैं। दूध बेचने से प्रति माह लगभग दस हजार रुपये की बचत हो जाती है। दूध बेचकर परिवार का पालन-पोषण आसानी से हो जाता है।

इसी प्रकार टौंगा गांव के पशुपालक गुलाब बताते हैं कि घर में तीन गाय हैं। गायों के दूध को बेचकर धनार्जन हो जाता है। दूध बेचने से प्रतिमाह 7500 रुपये के लगभग आमदनी हो जाती है। दूध के पैसे से आर्थिक स्थिति मजबूत हुई है। परिवार का निर्वहन करने में सुविधा हो रही है।

जनपद की लगभग 25 लाख आबादी में एक महीने में 35 हजार टन से अधिक दूध की खपत है। जबकि उत्पादन लगभग 30 हजार टन प्रतिमाह है। जिले में पंजीकृत 98 में से 88 समितियां सक्रिय हैं। इनके माध्यम से शास्त्री पुल स्थित प्लांट पर लगभग 3568 लीटर दूध प्रतिदिन पहुंचता है। हालांकि प्लांट में पांच हजार लीटर दूध संग्रह की क्षमता है।

मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. राजेश कुमार ने बताया कि वर्तमान में 90 हजार 265 दुधारू पशुओं से 30 हजार टन दूध का उत्पादन हो रहा है। हालांकि जिले में 35 हजार टन से अधिक के दूध की खपत है। दुग्ध उत्पादन बढ़ाने के लिए प्रयास किया जा रहा है।

प्रत्येक व्यक्ति को पीना चाहिए 300 एमएल दूध

कई लोगाें को दूध पीना पसंद नहीं होता है, लेकिन दूध से हमें बड़ी मात्रा में कैल्शियम मिलती होती है। डा. टीएन द्विवेदी ने बताया कि दूध हमारी हड्डियों को मजबूत बनाता है। प्रत्येक व्यक्ति को एक दिन में लगभग 300 मिलीलीटर दूध पीना चाहिए।

पांच रुपये प्रति लीटर की हुई बढ़ोत्तरी

दुग्ध संघ के प्रधान प्रबंधक राजेश सोनकर ने बताया कि पिछले वर्ष दूध 42 रुपये की दर से बिक्री हुई थी। इस वर्ष पांच रुपये प्रति लीटर वृद्धि होने से अब 47 रुपये में बिक्री की जा रही है। वहीं खुले बाजार में दुधियों द्वारा 40 से 50 रुपये प्रति लीटर की दर से दूध की बिक्री की जा रही है।

37 लाख रुपये का भुगतान बकाया

शास्त्री पुल स्थित दुग्ध संघ को आपूर्ति करने वाले दुग्ध उत्पादक समितियों का लगभग 37 लाख रुपये भुगतान लंबित है। पंजीकृत 98 समितियों में से वर्तमान में 88 समितियां दूध की आपूर्ति कर रही हैं। इनसे 4200 पशुपालक जुड़े हुए हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/कमलेश्वर शरण

Updated On 2 Jun 2023 7:42 PM GMT
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