नई दिल्ली, 29 सितंबर (हि.स.)। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सर्दी के मौसम में दिल्ली में वायु प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए शुक्रवार को 15 सूत्री विंटर एक्शन प्लान की घोषणा की। दिल्ली सरकार सख्ती से इसे लागू करेगी, ताकि ठंड के मौसम में दिल्ली वालों को प्रदूषण की समस्या से बचाया जा सके। मुख्यमंत्री ने कहा कि पिछले कुछ सालों में दिल्लीवासियों की मेहनत से प्रदूषण के स्तर में करीब 30 फीसद की कमी आई है। प्रदूषण के खिलाफ इस जंग में इस बार फिर से दिल्ली तैयार है और दिल्ली सरकार का विंटर एक्शन प्लान भी तैयार है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि विंटर एक्शन प्लान के तहत दिल्ली में चिह्नित 13 हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान बनाया गया है। इस बार दिल्ली के 5 हजार एकड़ से अधिक खेतों में बॉयो डी-कंपोजर का निःशुल्क छिड़काव किया जाएगा। निर्माण साइटों पर कड़ी नजर रहेगी, एंटी डस्ट मशीनों का इस्तेमाल करेंगे और वाहन प्रदूषण को कम करने के साथ-साथ खुले में कूड़ा जलाने पर रोक रहेगी। प्रदूषण बढ़ने पर सख्ती से ग्रैप को लागू किया जाएगा और पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर काम करेंगे।

दिल्ली सरकार का 15 सूत्री विंटर एक्शन प्लान:

-13 हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग विशेष एक्शन प्लान:

केजरीवाल ने 15 सूत्री विंटर एक्शन प्लान की जानकारी देते हुए कहा कि हमने दिल्ली के अंदर 13 हॉटस्पॉट चिह्नित किए हैं, जहां ज्यादा प्रदूषण होता है। हर हॉटस्पॉट के लिए अलग-अलग एक्शन प्लान बनाया गया है। इसके लिए एक वॉर रूम बनाया गया है। 13 विशेष टीमें बनाई गई हैं। इन सभी हॉट स्पाट की सघन निगरानी ग्रीन वार रूम से की जाएगी।

पराली:

पिछले तीन वर्षों से हमने दिल्ली के खेतों में पराली गलाने के लिए पूसा बायो-डी-कंपोजर का मुफ्त में सफलता पूर्वक छिड़काव किया है। इसके नतीजे काफी अच्छे आए हैं। पिछले साल हमने 4400 एकड़ खेत में बायो डीकंपोजर का छिड़काव किया था। इस साल 5000 एकड़ से अधिक बासमती और गैर-बासमती कृषि भूमि पर मुफ्त में बायो-डीकंपोजर का छिड़काव किया जाएगा।

धूल प्रदूषण:

केजरीवाल ने कहा कि धूल प्रदूषण को कम करने के लिए कई सारे कदम उठाए गए हैं। निर्माण साइट्स पर निगरानी रखने के लिए कई टीमें बनाई गई हैं। 500 वर्गमीटर से ज्यादा वाले निर्माण साइट को डस्ट कंट्रोल करने के लिए वेब पोर्टल पर पंजीकृत करना होगा। पांच हजार वर्ग मीटर से ज्यादा वाले निर्माण साइट पर एंटी स्मॉग गन लगाना अनिवार्य होगा। सड़कों पर सफाई के दौरान उड़ने वाली धूल को रोकने के लिए 82 मैकेनिकल रोड स्पीपिंग मशीन लगाई गई हैं। इसके अलावा 530 वाटर स्प्रिंक्लिंग मशीनें और 258 मोबाइल एंटी स्मॉग गन सड़कों पर पानी छिड़काव के लिए लगाई जाएंगी।

वाहन प्रदूषण:

वाहन से होने वाले प्रदूषण को रोकने के लिए पीयूसी सर्टिफिकेट की जांच की जाएगी। साथ ही 10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहन के प्रतिबंध को सख्ती से लागू करने के लिए 385 टीमें गठित की गई हैं। दिल्ली में अत्यधिक ट्रैफिक वाली 90 सड़कों की पहचान की गई है। इन सड़कों पर ट्रैफिक कम करने के लिए वैकल्पिक रूट उपलब्ध कराए जाएंगे। वैकल्पिक रूटों का प्रचार प्रसार किया जाएगा।

खुले में कूड़ा जलाने पर रोक:

दिल्ली के अंदर खुले में कूड़ा जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंध है। इसकी निगरानी के लिए 611 टीमों टीमों का गठन किया गया है।

औद्योगिक प्रदूषण:

मुख्यमंत्री ने बताया कि दिल्ली में स्थित सभी 1727 औद्योगिक इंडस्ट्रीज अब पीएनजी से संचालित होती हैं। इसकी निगरानी के लिए 66 टीमों का गठन किया गया है। ये टीमें सुनिश्चित करेंगी कि ये इकाइयां किसी भी अनधिकृत और प्रदूषणकारी ईंधन का उपयोग तो नहीं कर रही हैं। साथ ही, अवैध रूप से चल रही औद्योगिक इकाइयों पर भी कार्रवाई करेगी।

ग्रीन वॉर रूम:

केजरीवाल ने कहा कि इस सम्बन्ध में एक ग्रीन वॉर रूम बनाया है, जिसके जरिए 24 घंटे निगरानी की जाएगी। यहां सभी एजेंसियों द्वारा हर दिन की गई कार्रवाई की रिपोर्ट का विश्लेषण होगा और अगले दिन की योजना बनाई जाएगी।

ग्रीन दिल्ली एप:

केजरीवाल ने बताया कि 3 साल पहले लॉन्च किया गया ग्रीन दिल्ली एप जनता के बीच काफी लाकप्रिय रहा है। एप पर अभी तक 70,470 से अधिक शिकायतें आईं। इसमें से 63,344 शिकायतों का समाधान किया जा चुका है, जो कि 90 फीसद है। दिल्ली के सभी लोगों से हमारी अपील है कि वे अपने मोबाइल में ग्रीन दिल्ली एप डाउनलोड करें और दिल्ली में कहीं भी प्रदूषण करने वाली गतिविधि को देखें तो ग्रीन दिल्ली एप पर सूचना अवश्य दें। हम उसपर कार्रवाई करेंगे।

रियल टाइम सोर्स अपोरशंमेंट स्टडी:

आईआईटी दिल्ली और डीपीसीसी के साथ रियल टाइम सोर्स अपोरशंमेंट स्टडी की जा रही है। इसके लिए रॉउज एवेन्यू रोड पर स्थित सर्वोदय बाल विद्यालय में एक सुपरसाइट बनाई गई है। इसके डेटा का इस्तेमाल कर हम जगह-जगह फोकस तरीके से एक्शन कर पाएंगे।

पटाखों पर प्रतिबंध:

पिछले सालों की तरह इस साल भी दिल्ली के अंदर पटाखों के उत्पादन, भण्डारण और किसी भी प्रकार की बिक्री या खरीद पर पूरी तरह प्रतिबन्ध रहेगा।

हरित क्षेत्र को बढ़ाना:

दिल्ली में ग्रीन कवर बढ़ाने के लिए एक करोड़ से ज्यादा नए पौधे लगाए जाएंगे, जिसमें से 52 लाख पौधे दिल्ली सरकार लगाएगी।

ईको ई-वेस्ट पार्क:

होलम्बी कलां में एक ई-वेस्ट पार्क बनाया जा रहा है। पार्क के निर्माण में तेजी लाने के लिए कंसल्टेंट की नियुक्ति कर दी गई है।

जन जागरूकता अभियान:

केजरीवाल ने बताया कि प्रदूषण के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए विभिन्न जन जागरूकता अभियान चलाए जाएंगे। इसमें रन अगेन्स्ट पॉल्यूशन, रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ समेत अन्य कैंपेन चलाए जाएंगे।

केंद्र सरकार, सीएक्यूएम और पड़ोसी राज्यों से संवाद:

केजरीवाल ने कहा कि प्रदूषण कोई बाउंड्री नहीं देखता है। हरियाणा की हवा दिल्ली आती है, दिल्ली की हवा यूपी जाती है। हमारी कोशिश है कि आसपास के राज्यों के साथ मिलकर प्रदूषण को कम करें। सेंटर फॉर साइंस एंड एन्वायरमेंट का डेटा बताता है कि दिल्ली में 31 फीसद प्रदूषण दिल्ली के आंतरिक स्रोतों की वजह से होता है, जबकि 69 फीसद बाहरी स्रोतों की वजह से है। पड़ोसी राज्यों से हमारी अपील है कि वाहन सीएनजी आधारित वाहन भी दिल्ली में आने दें। दिल्ली के आसपास पॉल्यूटिंग ईंधन से चल रही इंडस्ट्री को पीएनजी में शिफ्ट किया जाए। ईंट भट्ठे को जिग-जैग तकनीक में बदला जाए। 24 घंटे बिजली की आपूर्ति की जाए, ताकि जेनरेटर की जरूरत न पड़े। एनसीआर में पटाखों पर पूर्ण प्रतिबंध होना चाहिए।

ग्रैप का क्रियान्वयन:

केजरीवाल ने बताया कि दिल्ली में ग्रैप को सख्ती के साथ लागू किया जाएगा। केंद्र सरकार की एजेंसी और सीएक्यूएम के जरिए तीन दिन बाद का पूर्वानुमान पता चल जाता है। इसके आधार पर ग्रैप को लागू किया जाता है। इससे प्रदूषण को नियंत्रित किया जा सके।

हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी/दधिबल

Updated On 29 Sep 2023 4:48 PM GMT
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