पटना, 02 जून (हि.स.)। बिहार मंत्रिमंडल सचिवालय ने शुक्रवार को आदेश जारी कर सभी विभागों को आदेश दिया है कि कैबिनेट की निर्धारित तिथि के एक दिन पूर्व विभागीय एजेंडा कैबिनेट सचिवालय को रिसीव कराना होगा। यह अनिवार्य कर दिया गया है।

कैबिनेट सचिवालय इसके बाद ही प्रस्ताव को स्वीकार करेगा। बशर्ते, कोई अति महत्वपूर्ण प्रस्ताव ना हो। या फिर सीएम सचिवालय से निर्देश ना हो। बिहार कैबिनेट की अगली बैठक 6 जून को होनी है। कैबिनेट सचिवालय ने इसी नोटिस को सभी विभाग को जारी किया है।

कैबिनेट सचिवालय को निर्धारित कैबिनेट के दिन कुछ घंटे पूर्व या फिर कैबिनेट की बैठक के वक्त विभागीय प्रस्तावों का प्रवाह तेज हो जाता रहा है। ज्यादातर विभाग ऐन वक्त पर प्रस्तावों को लेकर कैबिनेट सचिवालय तो कभी मुख्य सचिव के पास दौड़ते देखे जाते हैं। बात यहीं नहीं खत्म होती है। कैबिनेट अपर मुख्य सचिव कैबिनेट की बैठक में तथ्यों को रखने में परेशानी होती है। कभी यहां तो कभी वहां वाली स्थिति कैबिनेट सचिवालय को होती।

कैबिनेट सचिवालय सभी मंत्री को प्रस्ताव समय पर नहीं उपलब्ध करा पाते हैं। प्रस्ताव समय पर नहीं मिलने की वजह से कैबिनेट हॉल में मंत्रियों को योजना, स्कीम आदि को विस्तार से समझाने में काफी वक्त निकलता है।

हिन्दुस्थान समाचार/ गोविन्द/चंद्र प्रकाश

Updated On 2 Jun 2023 8:19 PM GMT
Agency Feed

Agency Feed

Next Story