मेदिनीनगर, 2 जून (हि.स.)। गढ़वा बाईपास निर्माण पर रोक लगाए जाने के मामले की जांच के लिए एनएचएआई की टीम शुक्रवार को पहुंच। टीम ने मामले की जांच की। हालांकि जांच रिपोर्ट सामने नहीं आ पाई है, लेकिन जानकारी मिली है कि कब्रिस्तान के कारण बाईपास का निर्माण अधूरा पड़ा हुआ है। इस बाईपास का 90 प्रतिशत कार्य पूरा हो चुका है, जबकि 10 प्रतिशत के हिस्से में कब्रिस्तान सहित अन्य आता है। विवाद की स्थिति के मद्देनजर झारखंड सरकार ने इसके निर्माण पर रोक लगा दी है। इसी रोक के बारे में जानकारी लेने के लिए केंद्रीय टीम यहां पहुंची।

बाईपास रुकने के पीछे जमीन अधिग्रहण को लेकर पूरा विवाद है। दरअसल, गढ़वा जिले के अंचला में कब्रिस्तान से होकर बाईपास को गुजारना है, जहां कब्रिस्तान की जमीन पर विवाद के कारण यह प्रोजेक्ट रुक गया है। पलामू सांसद विष्णु दयाल राम ने शुक्रवार को तीर्थ विकास यात्रा के क्रम में यहां पहुंचे। उन्होंने अपना दर्द साझा किया।

उन्होंने बताया कि किस तरह उनका यह ड्रीम प्रोजेक्ट एक जगह जाकर रुका हुआ है। सांसद ने बताया कि जिस वक्त बाईपास का डीपीआर तैयार हो रहा था। उस दौरान यह कहा गया था कि कब्रिस्तान की जमीन को अधिग्रहण कर लिया जाएगा, लेकिन बाद में राज्य सरकार ने हाथ खड़े कर दिए और सचिव स्तर के अधिकारी ने पत्र लिखकर जमीन अधिग्रहण नहीं होने की बात कही है।

पत्र में कहा गया है कि जमीन अधिग्रहण के दौरान विधि व्यवस्था पर खतरा उत्पन्न हो सकता है। पलामू सांसद ने कहा है कि अंचल अधिकारी की रिपोर्ट में कहा गया है कि यह जमीन गैरमजरूआ है। मामले में लोगों ने हाईकोर्ट का भी रुख किया था, लेकिन फैसला आने से पहले रीट को वापस ले लिया गया।

सांसद ने कहा कि दुख की बात यह है कि इस प्रोजेक्ट के लिए जमीन का अधिग्रहण समय से नहीं किया गया। उन्होंने 2024 तक उम्मीद जताई है कि प्रोजेक्ट को पूरा कर लिया जाएगा।

उल्लेखनीय है कि गढ़वा बाईपास का निर्माण कार्य 7 अक्टूबर 2021 को शुरू किया गया था। मार्च 2023 में इस प्रोजेक्ट को पूरा किया जाना था। यह बाईपास झारखंड, बिहार, यूपी और छत्तीसगढ़ को जोड़ेगी।

हिन्दुस्थान समाचार/दिलीप

Updated On 2 Jun 2023 8:19 PM GMT
Agency Feed

Agency Feed

Next Story