मुंबई, 29 भी (हि.स.)। राज्य में मानसून के आगमन के कुछ दिन शेष रह गए हैं। ऐसे में प्राकृतिक आपदाओं से निपटने के लिए महाराष्ट्र सरकार पूरी तरह से मुस्तैद हो गई है। सूबे के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने राज्य के सभी विभागीय आयुक्तालय क्षेत्रों में राज्य आपदा प्रतिसाद दल की नियुक्ति करने का निर्देश संबंधित विभाग के अधिकारियों को दिया है।

मुख्यमंत्री शिंदे की अध्यक्षता में सोमवार को राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण की बैठक हुई। मुख्य सचिव मनोज सौनिक, पुलिस महानिदेशक रजनीश सेठ, मुख्यमंत्री सचिवालय सहित अन्य सचिव, वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे। इस बैठक में राज्य आपदा जोखिम प्रबंधन निधि का खर्च, कोकण आपदा सौम्यीकरण के कार्य, कोविड एवं विभिन्न अवसरों पर किए गए बचाव कार्यों पर खर्च, ई-पंचनामा, आपदा मित्र, ई- सचेत प्रणाली आदि मुद्दों पर राहत व पुनर्वास विभाग के प्रधान सचिव असीम गुप्ता ने प्रस्तुतीकरण दिया। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिया कि राज्य में विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं की संख्या बढ़ रही है और प्रत्येक विभागीय आयुक्तालय में राज्य आपदा प्रतिसाद दल की नियुक्ति की जाए। साथ ही पालिकाओं को भी अपने स्तर पर तत्काल बचाव कार्यों के लिए टीमें तैयार करनी चाहिए। राज्य आपदा जोखिम प्रबंधन निधि को प्रभावी ढंग से खर्च किया जाए और कोकण आपदा सौम्यीकरण के कार्य तुरंत शुरू करने का निर्देश भी उन्होंने दिया।

मुख्यमंत्री के अनुसार आपदा की स्थिति में एनडीआरएफ की कंपनियां प्रदेश में प्रत्येक स्थान पर समय पर नहीं पहुंच सकती हैं, इसलिए राज्य के सभी सातों विभागों में राज्य आपदा प्रतिसाद दल नियुक्त करने की कार्यवाही की जाए। वर्तमान में एसडीआरएफ की दो टुकड़ियां धुले और नागपुर में तैनात हैं। इसके अलावा राज्य में ये बल होंगे। ठाणे मनपा ने एक टीम बनाई है जो आपदा के समय पर दौड़कर पहुंचती हैं। विशेष रूप से दुर्घटनाओं के समय इस दल ने अच्छा काम किया है। जहां ऊंची इमारतें हैं और जहां आपदाओं की संभावना अधिक हैं। ऐसे स्थानों पर पालिका को आपदा बचाव दल बनाना चाहिए।

मुख्यमंत्री के मुताबिक राज्य में कोकण क्षेत्र को बा-बार विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं का सामना करना पड़ता है। राज्य मंत्रिमंडल ने इससे पहले कोकण में विभिन्न आपदा राहत कार्यों के लिए 3200 करोड़ रुपए मंजूर किए हैं। इनमें भूमिगत लाइन, कटाव नियंत्रण तटबंध, तटबंध, बहुउद्देश्यीय चक्रवात में आश्रयों का निर्माण, भूस्खलन प्रवण क्षेत्रों में निवारक उपाय, बिजली अवरोधन प्रणाली शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने निर्देश दिए कि इस संबंध में तकनीकी प्रक्रियाएं पूरी कर इन कार्यों को तत्काल शुरू किया जाए।

मुख्यमंत्री ने बताया कि कोविड कारणों से अब तक 1 हजार 974 करोड़ रुपए खर्च किए जा चुके हैं। कोविड काल में मरने वालों के आश्रितों के लिए अनुदान के रूप में कुल 1038 करोड़ रुपए राहत व पुनर्वास विभाग ने आवंटित किए हैं। राज्य सरकार ने प्रत्येक मृतक के परिजनों को 50 हजार रुपए देने का फैसला किया था। पिछले वर्ष विभिन्न प्राकृतिक आपदाओं के कारण 437 लोगों की मौत हुई थी और 680 लोग घायल हुए थे। विभाग ने बैठक में यह भी बताया कि 4348 पशुओं की मौत हुई है।

हिन्दुस्थान समाचार/ वीके

Updated On 29 May 2023 7:04 PM GMT
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