नई दिल्ली, 26 सितंबर (हि.स.)। सेंट्रल दिल्ली के साइबर थाना पुलिस ने इंटरनेशनल ठग गिरोह का पर्दाफाश कर पांच लोगों को गिरफ्तार किया है। सभी भोले-भाले लोगों को हाई रिटर्न का झांसा देकर करोड़ों का चूना लगाते थे। गिरफ्तार सभी आरोपित कोई मामूली ठग नहीं हैं। इनमें इंजीनियरिंग और बीटेक पास भी हैं। इनमें से एक यूपीएससी की तैयारी भी कर रहा था। पुलिस ने इनके पास से 25 मोबाइल, 31 सिम कार्ड, पैन कार्ड, आधार कार्ड, पासबुक, चेकबुक बरामद किये हैं। ठगी के पैसे से खरीदी गई होंडा सिटी कार और महंगे सामान भी बरामद किए गए हैं।

जांच में यह पता चला है कि गिरफ्तार सभी ठग दुबई और फिलीपींस में मौजूद इंटरनेशनल ठगी गिरोह का हिस्सा हैं, जो उनके इशारे पर इंडिया में काम कर रहे थे। उनका संपर्क दूसरे और देशों में भी हो सकता है। गिरफ्तार आरोपित अपने द्वारा खोले गए बैंक अकाउंट को कमीशन बेसिस पर भी आगे देते थे। पुलिस ने इनके अकाउंट में मौजूद 1 करोड़ 25 लाख की रकम को फ्रीज कर दिया है।

एडिशनल डीसीपी सचिन शर्मा ने बताया, आशीष अग्रवाल नाम के सख्स ने नेशनल साइबर पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई थी। पीड़ित ने बताया था कि उनके पास काफी सारे व्हाट्सएप पर मैसेज आए और उन्हें टेलीग्राम एप पर इन्वेस्ट करने के लिए लालच दिया गया। जिसके बदले हाई रिटर्न की बात कही गई थी, पहले 1000 इन्वेस्ट करके 1100 रिटर्न देने का लालच दिया गया। उसके बाद फिर 10000 इन्वेस्ट करने पर 12000 रिटर्न दिया गया। धीरे-धीरे करके फिर अमाउंट बढ़ता चला गया और उसने 30 लाख रुपये हाई रिटर्न के चक्कर में गवां दिए।

पुलिस टीम ने टेक्निकल सर्विलांस, बैंक अकाउंट की डिटेल और मोबाइल नंबर के टेक्निकल जांच के आधार पर पता लगाते हुए इस फर्जीवाड़े का खुलासा किया है। आरोपितों ने ठगी का अमाउंट 25 अलग-अलग बैंक अकाउंट में जमा किया था। जिसके बाद उस रकम को फिर दूसरे अकाउंट में ट्रांसफर कर दिया गया था।

जांच में पुलिस को पता चला कि उनका करंट अकाउंट यस बैंक में था, जो कि एक फर्जी कंपनी के नाम पर खुला हुआ था। सुहेल अकरम नाम के शख्स ने खोला था। उसके साथ गौरव शर्मा नाम का सख्स भी काम करता था। इन लोगों ने अलग-अलग लोगों को डायरेक्टर बना करके 11 फर्जी कंपनी रजिस्टर्ड करवा रखी थीं। तीनों को पुलिस ने मालवीय नगर इलाके से गिरफ्तार किया है। इनके पास से फर्जी स्टांप अलग-अलग नाम से बैंक अकाउंट के डेबिट कार्ड आदि बरामद किए गए है। पूछताछ में सभी आरोपितों ने बताया कि उन्होंने किराए का मकान लेकर फर्जीवाड़ा करते थे। फर्जी डॉक्यूमेंट से कंपनी और अकाउंट खोलकर फर्जीवाड़ा करते थे।

सुहेल की निशानदेही पर पुलिस ने बलराम को भी गिरफ्तार किया गया है। उसने आगे बताया कि इस काम में गुरुग्राम का रहने वाला विवेक कुमार भी शामिल है। उसका एक और साथी मनीष कुमार भी है। विवेक दुबई और फिलिपींस में रहने वाले ठगों के गिरोह के संपर्क में है, जो कि टेलीग्राम और लिंक्ड इन के जरिए विदेशी ठगों के संपर्क में रहकर इंडिया में फर्जीवाड़े का खेल खेलते हैं।

हिन्दुस्थान समाचार/अश्वनी/दधिबल

Updated On 26 Sep 2023 2:41 PM GMT
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