वाराणसी। रमना में NTPC द्वारा बनाये जा रहे कचरे से कोयला बनाने वाले प्लांट का बुधवार को परिक्षण किया गया। इस दौरान NTPC के कर्मचारियों ने नगर निगम से मिले…

वाराणसी। रमना में NTPC द्वारा बनाये जा रहे कचरे से कोयला बनाने वाले प्लांट का बुधवार को परिक्षण किया गया। इस दौरान NTPC के कर्मचारियों ने नगर निगम से मिले 200 टन कचरे से 7 टन कोयले का उत्पादन किया। सुचारू रूप से इस पलांट के शुरू होने के बाद शहर में दो इकाइयां कोयला बनाने की और लगाई जाएंगी।

इस सम्बन्ध में कार्यदायी संस्था मैकावर बीके के महाप्रबंधक चंदर उदय सिंह ने बताया कि नगर निगम से मिले 200 टन कचरे से पहली बार में 70 टन कोयले का उत्पादन हुआ। कचरा गीला होने के कारण उत्पादन कम हो पाया है। एनटीपीसी के वरिष्ठ प्रबंधक आशीष रंजन ने बताया कि पहली इकाई का परीक्षण सफल रहा है। जल्द ही अन्य इकाइयां स्थापित की जाएंगी। नगर निगम के अधिशासी अभियंता अजय राम ने बताया कि कचरे से कोयला बनाने वाले प्लांट की पहली इकाई का परीक्षण सफल रहा है। इसके बाद की प्रक्रिया को जल्द पूरा करने को एनटीपीसी के अधिकारियों को निर्देश दिए हैं। दिसंबर तक प्लांट पूरी क्षमता के अनुसार बनकर तैयार होगा

बता दें कि एनटीपीसी की ओर से रमना में कचरे से कोयला बनाने वाला देश का पहला प्लांट बनाया जा रहा है। इस प्लांट से प्रतिदिन 600 टन कचरे से 200 टन कोयले का उत्पादन होगा। प्लांट में 200 टन क्षमता की दो और इकाइयां लगाई जाएंगी। इसके अलावा विकल्प के तौर पर एक और इकाई होगी।

ऐसे बनेगा कोयला
कार्यदायी संस्था के महाप्रबंधक ने बताया कि कचरे से कोयला बनाने तक की चार प्रक्रिया है। सबसे पहले नगर निगम से प्राप्त कचरे को अलग-अलग किया जाता है। इसके बाद इसे गरम करके नमी निकाली जाती है। इस कचरे को छोटे-छोटे टुकड़ों में तोड़कर इसे फिर से गरम किया जाता है। इससे बने पाउडर को कोयले के आकार में ढाला जाता है।

Updated On 9 Feb 2023 1:59 AM GMT
admin

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